Friday, August 31, 2012

संगीत सरहद कि सीमाओं को नहीं जानती



"संगीत सरहद कि सीमाओं को नहीं जानती , ये तो बस लोगों के दिलों में अमन, चैन और मोहब्बत का पैगाम देती है परन्तु हमारे देश में कुछ राजनेता ऐसे भी हैं जो तुगलकी फरमान जारी कर दिलों में नफरत का बीज बोते हैं | " विवाद एक रियलिटी शो को लेकर हुआ है जिसमे पाकिस्तानी कलाकार हिस्सा लेने वाले हैं जिसकी वजह से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना सुप्रीमो राज ठाकरे ने शो में जज कि भूमिका निभाने वाली सुप्रसिद्ध गायिका आशा भोशले और प्रसारणकर्ता चैनल दोनों को धमकी दी है | मनसे प्रमुख अपने आका शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे कि राह पर चलते दिखाई पड़ रहे हैं जो हमेशा से पाकिस्तानी कलाकारों और खिलाडियों का भारत में आने का विरोध करते रहे हैं |
                        गौरतलब हो कि पकिस्तान में भारतीय कलाकारों को परफार्म करने कि आसानी से इजाजत नहीं मिलती जबकि पाकिस्तानी कलाकार धड़ल्ले से भारत में आकर अपने कार्यक्रम का प्रदर्शन करते हैं | यहाँ तक कि पकिस्तान में भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया जाता है जिसका ताज़ा उदाहरण सलमान खान अभिनीत "एक था टाइगर" है | ऐसे एक नहीं सैकड़ों उदाहरण हैं जिसकी वजह से ही पार्श्व गायक कुमार सानु, सोनू निगम , अनूप जलोटा और सुप्रसिद्ध गजल सम्राट स्व० जगजीत सिंह जैसे लोग पाकिस्तानी कलाकारों के भारत आकर प्रदर्शन करने पर रोक लगाने की आवाज बुलंद करते रहे हैं | परन्तु इन सबसे हमे क्या हासिल होने जा रहा है ? लोगों को समझना चाहिए की संगीत और कला किसी सरहद का मोहताज नहीं होती | निश्चित ही इससे संगीत प्रेमियों के दिलों को ठेस पहुँचती है ..............




सत्य प्रकाश
हिंदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ,
बी० आर० ए० बिहार विश्वविद्यालय,
मुजफ्फरपुर .








2 comments:

  1. आपसे सहमत शत प्रतिशत सार्थक पोस्ट

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